Translation: Hindi अधूरी चाह पेड़ों की सनसना की आवाज,फूलों की खुशबू और सुनसान सड़क के बीच एक लड़का जा रहा था। जाते जाते वह सोच रहा था कि इस सुंदर और अद्भुत वातावरण में अगर मेरी मुलाकात किसी सुंदरी से हो जाए तो मैं क्या करूंगा कि तभी अचानक पीछे से एक आवाज आई रुको रुको जैसे ही उस लड़के ने पीछे मुड़कर देखा तो वहां पीछे से कोई लड़की उसे आवाज दे रही थी। लड़की के लड़के के पास आते ही वह उस लड़की की सुंदरता को देखता ही रह गया। उस लड़के को लगने लगा जैसे कोई स्वर्ग की अप्सरा उसके सामने खड़ी हो। लड़की, सुनिए जरा सुनिए मैं रास्ता भटक गई हूं कृपया मेरी मदद कीजिए। लड़की को उसकी सुंदरता के अलावा कुछ दिखाई और सुनाई नहीं दे रहा था मानव जैसे वह किसी सपनों की दुनिया में चला गया हो कि तभी वह लड़की उस लड़के के हाथों पर हाथ रखकर से सहायता करने की विनती करती है। लड़का कांपते हुए, झिक-झिकाते हुए और बड़े प्रसन्नता से उत्तर देता है क क क क क्यों नहीं चा चा चा चलिए मैं प प पास ही के एक ग ग ग गांव में ज ज जा रहा ह...
Translation: हिंदी अंधेरी रात एक अंधेरी अमावस्या की रात पूर्णिमा अपने कमरे में ही सोने के लिए जा ही रही थी तभी अचानक उसे दरवाजा खुलने की आवाज आई उसने मुड़के देखा तो दरवाजा बंद ही था। उसने सोचा कि शायद उसे भ्रम हुआ होगा लेकिन जैसे ही वह दो कदम आगे बढ़ती तभी फिर से वही आवाज उसे परेशान कर देती है। इस बार वह बहुत घबरा जाती है और दौड़ते दौड़ते अपने कमरे में जाकर घबराते हुए सोने की कोशिश करती है। कि तभी अचानक उसे एक आवाज सुनाई देती है 'पूर्णिमा' 'पूर्णिमा'। horror story पूर्णिमा जैसे अपना फोन उठाती है तभी लाइट चली जाती है और उसका मोबाइल बंद पड़ जाता है। उसे कुछ समझ नहीं आता कि अब उसे क्या करना चाहिए वह अपने बिस्तर पर पैर को सीकोरे हुए घबराकर सोने की कोशिश करती है। अचानक थोड़ी देर बाद जिस कंबल मैं वह खुद को छुपाए हुई थी से पीछे से कोई धीरे से खींचने की कोशिश करता है। bhootiya khun पूर्णिमा इ...
Translation: Hindi जादुई घड़ा शहर से कुछ दूरी पर एक छोटा सा गांव हुआ करता था। गांव का नाम मटकापूर हुआ करता था। उसी गांव के किसी कोने में दो भाई रहते थे। बड़ा भाई रमेश बहुत अमीर और कामयाब व्यापारी था वही उसका छोटा भाई सुरेश काम की तलाश में यहां वहां भटकता रहता था। रमेश सुरेश को बिल्कुल भी पसंद नहीं करता था इसी कारण वह हमेशा अपने छोटे भाई के नौकरी मांगने पर रमेश किसी ने किसी बहाने से मना कर देता था। सुरेश बहुत परेशान था वह रोज नौकरी की तलाश में भटकता फिरता था। एक दिन रमेश नौकरी की तलाश में भटकते भटकते एक पेड़ के नीचे विश्राम करने लगा। थोड़ी देर बाद अचानक उसके कानों में एक आवाज सुनाई दी जब उसने देखा तो एक व्यापारी परेशानी मैं कहीं जा रहा था। सुरेश तुरंत उठकर उस व्यापारी के पास जाता है और बातों ही बातों में उससे उसकी परेशानी का कारण पूछता है। व्यापारी सुरेश को एक भला व्यक्ति समझ कर उसे अपनी परेशानी बताता है कि उसे एक ऐसे व्यक्ति की तलाश है जो पढ़ा लिखा हो और उसके कारोबार को अच्छे से चलाने ...
VERY GOOD
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